चने के झाड पे चढ़ाना" ई कुछ ज्यादा ही हो जाता है साब जी! चने के झाड पे चढ़ाना" ई कुछ ज्यादा ही हो जाता है साब जी!
रंगनाथ वक्त के साथ कितना बदल गया था और राजनीति में अपने मामा वैध जी से बहुत आगे निकल गय रंगनाथ वक्त के साथ कितना बदल गया था और राजनीति में अपने मामा वैध जी से बहुत आगे ...
और इस तरह से कुछ चुलबुले शैतान बच्चों और सभ्य, शिक्षित मास्टर साब की दुश्मनी का अन्त हो और इस तरह से कुछ चुलबुले शैतान बच्चों और सभ्य, शिक्षित मास्टर साब की दुश्मनी का ...
। जान बची तो लाखों पाए लौट के बुद्धू घरवाली के डंडे खाए। । जान बची तो लाखों पाए लौट के बुद्धू घरवाली के डंडे खाए।
जी हां मेरा छःह वर्ष का बच्चा जो मेरा नाम भी नहीं बता पाता ठीक से, उसने आपकी कवितायें जी हां मेरा छःह वर्ष का बच्चा जो मेरा नाम भी नहीं बता पाता ठीक से, उसने आपकी कवि...
अगर एक बार अकाल पड़ जाए तो किसान खेती करना नहीं छोड़ता , समझ लो तुम्हारे जीवन में भी इ अगर एक बार अकाल पड़ जाए तो किसान खेती करना नहीं छोड़ता , समझ लो तुम्हारे जीवन मे...